आइये जानते है नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजन विधि

महाराष्ट्र में मुंबई सीमा शुल्क अधिकारियों ने जब्त किया 12.74 किलोग्राम सोना रंगोली बनाकर मतदान के लिए किया जागरूक सहरसा में आयोजित हुआ स्वीप जागरूकता अभियान उदयपुर : भामाशाहों की मदद लेकर स्मार्ट टीवी लगाकर स्मार्ट क्लास रूम तेजस्वी पहुंचे उदाकिशुनगंज विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने राज्यपाल व मुख्यमंत्री के साथ की राष्ट्रपति की अगवानी उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग पर काबू पाने के लिए वन विभाग युद्धस्तर पर जुटा The Great Indian Kapil Show: खत्म हुई कपिल शर्मा के शो के पहले सीजन की शूटिंग परीक्षा परिणामों के मद्देनजर विद्यार्थियों को तनावमुक्त करने विभिन्न जिलों में कार्यशाला का आयोजन विशेष पिछड़ी जनजाति के बैगा मतदाताओं को वोट डालने कलेक्टर ने दिया नेवता मतदान केन्द्र का निरीक्षण कर लौट रहे बीएसएफ के जवानों से भरी बस दुर्घटनाग्रस्त-08 जवान घायल टोंक के गांवों में अब ड्रोन से होगा नैनो यूरिया खाद और कीटनाशक दवाई का छिड़काव मथुरा में गेहूं क्रय केंद्र के प्रभारियों के साथ बैठक पूर्वोत्तर रेलवे के अंतर्गत टनकपुर मथुरा विशेष गाड़ी का संचालन दिसंबर 2024 तक के लिए बढ़ा पीलीभीत में बदला मौसम का मिजाज आग को लेकर पीलीभीत टाइगर रिजर्व में भी सतर्कता बरतने के निर्देश आज का राशिफल। ₹30000 तक के महाडिस्काउंट पर मिल जाएंगे ये Gaming Laptop दवाओं का लाखों का खर्चा बचा लेगी ये दाल लखनऊ में सपा नेता राजकिशोर सिंह ने भाजपा की सदस्यता ली

आइये जानते है नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजन विधि

Gauri Manjeet Singh 13-04-2024 12:50:26

आज नवरात्रि के पांचवे दिन देवी स्कंदमाता की पूजा होगी। ये हिमायल की पुत्री पार्वती ही हैं। इन्हें गौरी भी कहा जाता है। भगवान कार्तिकेय का एक नाम स्कंद भी है। जो कि देव-असुर संग्राम में देवताओं के सेनापति थे। इनकी माता होने से इन्हें स्कंदमाता कहा जाता है। 

देवी के इस रूप की चार भुजाएं हैं। इन्होंने दाएं तरफ की ऊपर वाली भुजा से स्कंद यानी कार्तिकेय को पकड़ा हुआ है। निचली दाईं भुजा में कमल का फूल है। बायीं ओर का उपर वाला हाथ वर मुद्रा में है। नीचे वाले हाथ में सफेद कमल का फूल है। 

सिंह इनका वाहन है। देवी पुराण के मुताबिक जिस पर स्कंदमाता की कृपा होती है उसके मन और मस्तिष्क में अपूर्व ज्ञान की उत्पत्ति होती है। 

स्कंदमाता की पूजन विधि 
1. कलश पर स्कंदमाता की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना
करें 
2. जल चढ़ाएं, फिर मौली, चंदन और अक्षत चढ़ाएं 
3. कुमकुम, हल्दी, मेहंदी और लाल फूल चढ़ाएं 
4. धूप-दीप जलाएं, मिठाई और फल चढ़ाएं 
5. दक्षिणा चढ़ाएं और आरती करें 


देवी स्कंदमाता के पूजन से बढ़ता है ज्ञान 
मार्कंडेय पुराण के मुताबिक नवरात्रि की पंचमी तिथि को स्कंदमाता की पूजा विशेष फलदायी होती है। इस दिन साधक का मन विशुद्ध चक्र में अवस्थित होना चाहिए। जिससे ध्यान की शक्ति बढ़ती है। ये शक्ति परम शांति और सुख का अनुभव कराती है। इन देवी की कृपा से बुद्धि बढ़ती है। ज्ञान रूपी आशीर्वाद मिलता है। इनकी पूजा से हर तरह की परेशानियां खत्म हो जाती है। 

देवी स्कंदमाता की पूजा करने से संतान सुख मिलता है। बुद्धि और चेतना बढ़ती है। कहा गया है कि देवी स्कंदमाता की कृपा से ही कालिदास द्वारा रचित रघुवंशम महाकाव्य और मेघदूत जैसी रचनाएं हुई हैं।

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :