गर्मियों में सैलानी उन पर्यटक स्थलों पर जाना ज्यादा पसंद करते हैं जहां सुंदरता के साथ शीतलता भी हो। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के बीच स्थित नहरों का जंक्शन यानी बाइफरकेशन एक ऐसा ही पिकनिक स्पॉट है, जो पीलीभीत आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद बना हुआ है। खास बात यह है कि यहां पहुंचना और घूमना फिरना पूरी तरह निशुल्क है। वन्य जीवों को निकट से देखने तथा ईको पर्यटन की तलाश में पीलीभीत टाइगर रिजर्व और यहां के सुप्रसिद्ध चूका पिकनिक स्पॉट आने वाले पर्यटकों को प्रवेश शुल्क व सफारी गाड़ी का व्यय भी वहन करना पड़ता है परंतु वाइफरकेशन एक ऐसा पिकनिक स्पॉट है, जहां पहुंचने के लिए कोई भी शुल्क सैलानियों को नहीं देना पड़ता। आप अपनी खुद की गाड़ी से यहां पहुंच सकते हैं। दरअसल, टाइगर रिजर्व जंगल के अंदर यह नहरों का खूबसूरत जंक्शन अंग्रेजों ने बनाया था। यहां पर उत्तराखंड के बनबसा से आने वाली मुख्य शारदा कैनाल को विभाजित करके खीरी ब्रांच, हरदोई ब्रांच और शारदा सागर जलाशय पोषक नहर में तब्दील किया गया है। चारों तरफ सघन वन और दूर तक नजर आ रहे अथाह जल के विभाजन के दौरान एक सुंदर सा नजारा यहां दिखता है। वाइफरकेशन
में एक तरफ जल की कल कल ध्वनि सुनाई देती है तो दूसरी तरफ बाघों की दहाड़ पर्यटकों को रोमांचित करती है। इस शांतिप्रिय स्थान पर ठहरने के लिए अंग्रेजों ने सुंदर गेस्ट हाउस बनवाया था, जिसका सौंदर्यीकरण कुछ वर्ष पहले कराया गया है। बरेली मंडल में पहुंचने वाले लगभग सभी वीवीआईपी, चाहे वे अधिकारी हो या राजनेता वाइफरकेशन गेस्ट हाउस उनकी पहली पसंद रहता है। यहां मोबाइल नेटवर्क ना रहने से पर्यटकों को सारी चिताओं से मुक्ति मिल जाती है। प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल गत वर्ष यहां एक रात रुकी थीं। गेस्ट हाउस के आस पड़ोस में ही हिरण, बाघ, बारहसिंघा,भालू और मगरमच्छ जैसे वन्य व जलीय जीवों के दीदार भी अक्सर हो जाते हैं। यहां से चूका पिकनिक स्पॉट लगभग 10 किलोमीटर, सप्त सरोवर यानी सात झाल 5 किलोमीटर, साइफन 1 किमी, शारदा सागर जलाशय 5 किलोमीटर, मुस्तफाबाद गेस्ट हाउस 4 किमी और गोमती उद्गम तीर्थ लगभग 8 किलोमीटर दूर है। जंगल में आसपास के पर्यटन स्थलों का केंद्र बिंदु होने के कारण यहां काफी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं। अगर आप भी प्रकृति प्रेमी हैं और पानी से भी आपको लगाव है तो यह स्थान खास आपके लिए ही है।
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