स्लग _ बीजापुर के चिकटराज मेले का हुआ समापन एंकर _ बीजापुर जिले में चिकटराज मेला का हुआ समापन...दो राज्यों समेत बस्तर के 27 देवता पहुंचते है बीजापुर...श्रद्धालु अपनी मनोकामना के साथ चिकटराज मंदिर पहुंचकर अपनी कामना की मन्नत मांगी...मंदिर में नव युवा,नए शादी के जोड़े के साथ श्रद्धालुओं की अच्छी खासी भीडभाड दिखी। देर शाम तक पूजा – पाठ का दौर चलता रहा चिकटराज देवता के दर्शन के लिए महाराष्ट ,तेंलगाना ,उडिसा से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते है । वी ओ 01 _ चीकटराज देवता का प्रतिवर्ष चैत्र माह में पूरे विधि- विधान के साथ पूजा- पाठ की जाती है। यह मंडई मेला तीन दिनो तक मनाया जाता है, यहां रविवार से ही दूरदराज के देवी -देवताओं का आगमन होता है सोमवार से सभी 27 देवी- देवताओं की पूजा पाठ कर मंगलवार को सभी दूरदराज से आयें देवी- देवताओं का मेल मिलाप के पश्चात चिकटराज
देवता के प्रागंण में मंडई मेला का आयोजन किया जाता है, बुधवार को देवी देवताओ को विदाई देते है। चिकटराज देवता का दर्शन खासतौर से महिलाओ के लिए साल में तीन दिन ही दर्शन कर सकते है ,बाकी दिनों में चिकटराज देवता का दर्शन करना महिलाओं के लिए वर्जित रहता है। बीजापुर जिले के नगर के रहवासियों के आराध्य देव हैं चिकटराज, जिनका पूरे बीजापुर जिले के क्षेत्रवासियों के लिए ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व है। बीजापुर से गंगालूर मार्ग पर लगभग एक कि.मी. की दूरी पर चिकटराज देव का मंदिर है। चिकटराज देव 6-7 फुट लंबे बांसनुमा आकार के एक काष्ठ में विराजमान हैं। मंदिर के आगे यत्र-तत्र गणेश, विष्णु, शिव, लक्ष्मी आदि देवी-देवताओं की प्राचीन शिल्प मूर्तियां स्थापित है। प्रतिवर्ष चैत्र नवरात्रि के रामनवमी के बाद आने वाले प्रथम मंगलवार को यहां मेले का आयोजन होता है। बाइट _ बुधराम मांझी पुजारी के संतोष कुमार बीजापुर
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